सरकार ने गूगल ऐप पर और अन्य भुगतान ऐप पर लगाया टैक्स

आजकल के दौर में हर कोई गूगल पे, फोन पे का यूज कर रहा है, जो भी Google pay, phone pay उपयोग करते हैं उनके लिए बहुत बड़ी खबर है कि जितने भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन होने वाले हैं, उन सभी पर टैक्स लगाया जाएगा चलिए इस खबर को पूरे विस्तार से जानते हैं कितना टैक्स रहेगा कितनी पर्सेंट टैक्स आपको लग जाए जाएंगे कितने रुपए पर कितना अधिकार लगेगा ।

1 अप्रैल से शुरू होने वाले नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) न्यू ऑनलाइन विक्रेताओं में उपयोग किए जाने वाले प्रीपेड भुगतान उपकरणों के लिए 1.1% तक के इंटरचेंज शुल्क के लागू कर दिए गए हैं ।इससे लोगों को व्यापक मर्चेंट कोर्ट पर आधारित 0.5 फीसद तक की दर से अधिकतम रुपए 2,000 से अधिक यूपीआई भुगतान के लिए ऑनलाइन विक्रेताओं बड़े विक्रेताओं को और छोटे ऑफलाइन विक्रेताओं के लिए लगाया जाएगा ।

इंटरचेंज शुल्क की आवश्यकता

  • इंटरचेंज पीस लगाने का उद्देश्य भुगतान सेवा प्रदाताओं द्वारा लेनदेन को संभालने सत्यापन करने को मंजूरी देने में उनके खर्चो का पूरा होना है
  • इसलिए यह पीस बढ़ने की संभावना है जो लंदन लागतो में वृद्धि करने के लिए जिम्मेदार होगी ।
  • बैंक जैसे वॉलेट जारी करता हूं इंटरचेंज फीस के रूप में भुगतान मिलता है।
  • यह वॉलेट विशेष रूप से ऑनलाइन लेनदेन,जैसे पेटीएम फोन पर और गूगल पर द्वारा सुविधाओं के लिए उपयोग किए जाते हैं।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम एनपीसीआई के बारे में :

  • 2007 के भुगतान और वसूली प्रणाली अधिनियम के तहत भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) ने संयुक्त रूप से नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया एनपीसीआई की स्थापना की
  • ऐसे छात्र राजी वित्तीय संस्था को 1956 के कंपनी अधिनियम की धारा 25 के नियमों के तहत संचालित किया जाता है ।
  • इसका मुख्य देश भारत के संपूर्ण बैंकिंग प्रणाली को फिजिकल और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान ढांचे प्रदान करना है ।

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