मैग्नेटिक डिस्क एक स्टोरेज डिवाइस होती है जो डाटा को रीड, राईट, रि-राईट और एक्सेस करने के लिए चुंबकीयकरण प्रक्रिया का उपयोग करता है. मैग्नेटिक डिस्क थिन, सर्कुलर मेटल प्लेट होती है ये आमतौर पर दोनों तरफ एक पतली चुंबकीय फिल्म के साथ लेपित होती है.
मैग्नेटिक डिस्क का यूज डिजिटल इनफार्मेशन को स्टोर करने के लिए भी किया जाता है. मैग्नेटिक डिस्क बहुत ज्यादा यूज होने वाली सेकंड्री स्टोरेज मेमोरी है जिसमे डाटा को डायरेक्ट एक्सेस किया जाता है. मैग्नेटिक डिस्क एक फ्लैट डिस्क होती है इसके ऊपर मैग्नेटिक कोटिंग होती है ये रैम की तुलना में कम एक्सपेंसिव होती है. आप इसके दोनों साइड में डाटा को स्टोर कर सकते हैं.
मैग्नेटिक डिस्क कितने तरह की होती है?
मैग्नेटिक डिस्क तीन तरह की होती है-
हार्ड डिस्क
हार्डडिस्क हमारे कंप्यूटर सिस्टम का एक ऐसा स्टोरेज डिवाइस होता है जिसका यूज डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है. हार्डडिस्क को हार्ड ड्राइव या हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive)भी कहा जाता है. हमारे कंप्यूटर सिस्टम में हार्डडिस्क लगा होने के कारण ही हम उसमें बहुत सारी फाइल्स, फोटोज, सोंग्स. वीडियोस, और भी बहुत डाक्यूमेंट्स को रख पाते हैं.
हार्डडिस्क भी दो तरह की होती है इंटरनल और एक्सटर्नल.
इंटरनल
इंटरनल डिस्क हमारे कंप्यूटर सिस्टम में ही लगी होती है. हम कप्यूटर सिस्टम में ज्यादातर इंटरनल हार्डडिस्क का ही यूज करते हैं, क्युकी हम कंप्यूटर सिस्टम के हार्डडिस्क में ही अपने सॉफ्टवेयर या ऑपरेटिंग सिस्टम इनस्टॉल करते हैं. इन्हें आप अपने Computer सिस्टम में आईडीइ (IDE) के कनेक्ट कर सकते हैं.
एक्सटर्नल
एक्सटर्नल हार्डडिस्क को आप USB केबल द्वारा अपने कंप्यूटर सिस्टम में पेन ड्राइव की तरह लगा सकते हैं, इसे आप पेन ड्राइव के जैसे यूज भी कर सकते हैं. इनका साइज़ पेन ड्राइव से थोड़ा बड़ा होता है लेकिन इसकी कैपेसिटी पेन ड्राइव से ज्यादा होती है. इन्हें हमेशा कंप्यूटर में लगे रहने की जरूरत नही होती है.
फ्लॉपी डिस्क
फ्लॉपी डिस्क एक तरह की स्टोरेज डिवाइस होती है. फ्लॉपी डिस्क माल्यार प्लास्टिक की बनी होती है जिसके ऊपर मैग्नेटिक कोटिंग होती है. फ्लॉपी डिस्क का यूज फाइल्स को एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस में ट्रान्सफर करने के लिए किया जाता है इसकी मैक्सिमम स्टोरेज कैपेसिटी 2.88MB होती है.
इसे एक्सटर्नल और सेकंड्री मेमोरी भी कहा जाता है फ्लॉपी डिस्क को IDM (International Business Machine) द्वारा 1971 में बनाया था. फ्लॉपी डिस्क में जो भी डाटा स्टोर किया जाता है वो एक फ्लेक्सिबल और सर्कुलर डिस्क के अंदर होता है जिसमे मैगनेट मटेरियल की कोटिंग होती है ये डिस्क प्लास्टिक जैकेट में क्लोज होती है ये जैकेट डिस्क को प्रोटेक्शन प्रोवाइड करता है.
ज़िप डिस्क
ज़िप ड्राइव एक छोटी, पोर्टेबल डिस्क ड्राइव है जिसका उपयोग अपने कंप्यूटर फाइल्स का बैकअप लेने और डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है इस डिस्क को 1990 में बनाया गया था ज़िप ड्राइव और डिस्क दो आकारों में आते है. 100 मेगाबाइट का आकार और 250 मेगाबाइट ड्राइव और हार्ड डिस्क भी है.