Guru Purnima kyo manate hai/ Guru Purnima kya hota hai

गुरु पूर्णिमा कब है

गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस दिन गुरु का बहुत महत्व माना जाता है. हिंदू धर्म में गुरु को भगवान से बढ़कर माना जाता है और गुरु का जीवन में विशेष महत्व होता है. उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हर साल गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है.

गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है

13 जुलाई को मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा
कहा जाता है कि गुरु लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे बच्चों के विकास और पोषण में एक प्रमुख योगदान देते हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गुरु पूर्णिमा आषाढ़ महीने में पूर्णिमा के दिन आती है. यह महाभारत के प्रसिद्ध लेखक वेद व्यास की जयंती मनाने का दिन है.

गुरू पूर्णिमा पर हिंदी में शुभकामनाएं भेंजे

गुरु पूर्णिमा का मतलब क्या होता है?

आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन गुरु पूजा का विधान है। गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आरम्भ में आती है। इस दिन से चार महीने तक परिव्राजक साधु-सन्त एक ही स्थान पर रहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं।

गुरु पूर्णिमा का रहस्य क्या है?

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 13 जुलाई दिन बुधवार को है। गुरु पूर्णिमा पर गुरु और शिष्य के बीच आस्था और पूजा का संगम होता है। भारत को ऋषि-मुनि, सिद्ध पुरुषों और देवी-देवताओं की धरती कहा जाता है।

शिक्षक दिवस और गुरु पूर्णिमा में क्या अंतर है?

गुरु और शिक्षक में अंतर है। गुरु ज्ञान देता है, शिक्षक शिक्षण करता है। गुरु-शिष्य की एक परंपरा है, जिसमे गुरु के पीछे जुड़कर शून्य या नगण्य ( अ) भी विशिष्ट हो जाता है – गुरु +अ = गौरव। शिक्षक तो शिक्षा के निमित्त (अर्थ) आए हर शिक्षार्थी के लिए शिक्षण का कार्य करता है।

गुरु पूर्णिमा के पीछे की कहानी क्या है?

बौद्धों के लिए भी गुरु पूर्णिमा एक शुभ अवसर है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान बुद्ध ने प्रवचन दिया था । इसे व्यास पूर्णिमा के रूप में मान्यता दी गई थी क्योंकि इसी दिन वेद व्यास महाभारत के लेखक का जन्म हुआ था। इस साल गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई बुधवार को मनाई जाएगी और यह पूर्णिमा के दिन होगी।

गुरु पूर्णिमा पर कविता

तुम्हें आभा मंडित कर दिया। तुम्हारे उपवन को पुष्पित कर दिया। जिसने बनाया तुम्हें ईश्वर, गुरु का करो सदा आदर

Happy Guru Purnima 2022 Hindi Wishes, Images: गुरु पूर्णिमा पर लिए भेजें यह संदेश, अपने गुरुओं को ऐसे दें बधाई

Happy Guru Purnima 2022 Hindi Wishes, Images, Quotes, Status, Messages: गुरु पूर्णिमा का खास पर्व इस साल 13 जुलाई यानी आज मनाया जा रहा है। आप भी इस मौके पर इन तस्वीरों और संदेशों के जरिए अपने गुरुओं को बधाई संदेश भेज सकते हैं।

  • मुख्य बातें
  • गुरु पूर्णिमा का दिन गुरुजनों को समर्पित होता है
  • इस दिन गुरुओं के सम्मान की परंपरा है
  • इस बार गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई यानी आज मनाई जा रही है।

Happy Guru Purnima 2022 Hindi Wishes, Images, Quotes, Status, Messages: हिंदू धर्म में आषाढ़ पूर्णिमा का विशेष महत्व है, ऐसा इसलिए क्योंकि आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही वेदों के रचयिता वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। आषाढ़ पूर्णिमा को ही गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष गुरु पूर्णिमा आज मनाई जा रही है। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं को प्रसन्न करने के लिए लोग उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। इतना ही नहीं कई लोग गुरु को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के मंत्रों का जाप भी करते हैं। इस दिन दान का भी विशेष महत्व बताया गया है। गुरु पूर्णिमा के दिन किया गया दान और स्नान बहुत महत्वपूर्ण होता है। आप भी अपने गुरु को इन मैसेज, संदेश, कोट्स, शायरी, श्लोक, दोहों को भेजकर उन्हें प्रसन्न करें और मुबारकबाद दें

गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा
गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमह।

गुरु आपके उपकार का
कैसे चुकाऊं मैं मोल
लाख कीमती धन भला
गुरु हैं मेरे अनमोल

जिसे देता हैं हर व्यक्ति सम्मान, जो करता हैं वीरों का निर्माण,
जो बनाता हैं इंसान को इंसान, ऐसे गुरु को हम करते हैं प्रणाम

गुरु पूर्णिमा क्यों मनाते है

गुरु पूर्णिमा और शिक्षक दिवस में क्या अंतर होता है



सही क्या, गलत क्या, ये सबक पढ़ते है आप
झूठ क्या और सच क्या ये समझाते हैं आप
जब सूझता नहीं कुछ, राह सरल बनाते हैं आप

विद्यालय है मंदिर मेरा, गुरु मेरे भगवान् हैं
हमारे हृदय में नित उनके लिए सम्मान है



नई राह दिखा कर हमको, सभी संशय मिटाता है
ज्ञान के सागर से भरा, बस वही गुरु कहलाता है



माता-पिता ने जन्म दिया पर गुरु ने जीने की कला सिखाई है
ज्ञान, चरित्र, संस्कार और दयावान बनने की हमने शिक्षा पाई है

गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः
गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं



गुरु आपके उपकार का, कैसे चुकाऊं मैं मोल
लाख कीमती धन भला, गुरु हैं मेरा अनमोल।
हैप्पी गुरु पूर्णिमा 2022

गुरु बिन ज्ञान नहीं, ज्ञान बिन आत्मा नहीं
ध्यान, ज्ञान, धैर्य और कर्म
सब गुरु की ही देन हैं
शुभ गुरु पूर्णिमा 2022

सही क्या है गलत क्या है ये सबक पढ़ाते हैं आप
झूठ क्या है और सच क्या है ये बात समझाते हैं आप


जब सूझता नहीं कुछ भी हमको तब राहों को सरल बनाते है आप
हैप्पी गुरु पूर्णिमा 2022

गुरु की महिमा है अगम, गाकर तरता शिष्य।
गुरु कल का अनुमान कर, गढ़ता आज भविष्य।
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं



गुरु जी आपकी कृपा से हुआ हमारा उद्धार
हम बने जो आज है ये है आपका उपकार
जीवन में सदा बनाए रखना अपना प्यार

गुरु आपके उपकार का
कैसे चुकाऊं मैं मोल
लाख कीमती धन भला
गुरु हैं मेरे अनमोल



जीवन का पथ जहां से शुरू होता है
वो राह दिखाने वाला ही गुरु होता है

जल जाता है वो दीये की तरह
कई जीवन रोशन कर जाता है
कुछ इसी तरह से गुरु
अपना फर्ज निभाता है

Happy Bhai Dooj 2021 Wishes :भाई दूज के मौके पर शेयर करें खूबसूरत Photos, Wallpapers, Messages, Shayari, Quotes

भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया को पड़ता है। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्योहार है। इस दिन बहन अपने भाई की पूजा करती है और शुभ टीका मुहूर्त में तिलक लगाती हैं। फिर भाई की आरती उतारकर मुंह मीठा कराती हैं और भगवान से भाई की लंबे और सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करती है। इसके बाद भाई बहनों में उपहारों का आदान-प्रदान होता है। इस भाई दूज के मौके पर जरूर शेयर करें ये खूबसूरत Photos, Wallpapers, Messages, Shayari, Quotes..

हे ईश्वर बहुत प्यारा हैं मेरा भाई
मेरी मां का दुलारा हैं मेरा भाई
न देना उसे कोई कष्ट भगवान
जहां भी हो खुशी से बीते उसका जीवन..!!!
हैप्पी भाईदूज 2021

Happy Bhai Dooj 2021 Wishes Images, Quotes, Status, Messages, Photos, Pics:

पंच दिवसीय त्योहार दिवाली के पांचवें दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। भैया दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन बहन अपने भाई का तिलक करके, उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। मान्यता है कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि को यमराज अपनी बहन यमुना के आग्रह पर उनके घर गए थे। यमुना को दिए गए वरदान स्वरूप ही इस त्योहार को मनाने की परंपरा शुरू हुई। इस साल यह त्योहार 6 नवंबर को मनाया जाएगा।

भाई दूज के दिन विवाहित स्त्रियां अपने भाइयों को घर बुलाती हैं और उन्हें अपने हाथों से बना खाना खिलाती हैं। पूरे देश में भाई दूज का यह त्योहार बेहद ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन आप अपने भाई-बहनों, दोस्तों और रिश्तेदारों को इन मैसेज के जरिए शभकामनाएं दे सकते हैं

Bhai Dooj 2021: भाई को टीका करने का सबसे शुभ मुहूर्त और विधि यहां जानिए

भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। क्योंकि इस पर्व की कहानी मृत्यु के देवता यमराज से जुड़ी है। जानिए भाई दूज पर टीका करने का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और इस पर्व का महत्व।

Bhai Dooj 2021 Muhurat, Puja Vidhi भाई दूज (भैया दूज) 2021:

भाई दूज का पर्व इस बार 6 नवंबर को मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग अनुसार ये पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई को घी का टीका लगाती हैं और उनके खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। भााई अपनी बहन को कुछ न कुछ उपहार भेंट करते हैं। भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। क्योंकि इस पर्व की कहानी मृत्यु के देवता यमराज से जुड़ी है। जानिए भाई दूज पर टीका करने का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और इस पर्व का महत्व।

भाई दूज 2021 मुहूर्त (Bhai Dooj 2021 Muhurat):

भाई दूज पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:10 PM से 03:21 PM तक रहेगा।
भाई दूज का पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।
द्वितीया तिथि की शुरुआत 05 नवम्बर को 11:14 PM बजे पर हो जाएगी।
द्वितीया तिथि की समाप्ति 06 नवम्बर को 07:44 PM पर होगी।

भाई दूज पूजा थाली ऐसे करें तैयार:

थाली में सिंदूर, फूल, साबुत चावल के कुछ दाने, चांदी का सिक्का, पान का पत्ता, सूखा नारियल यानी गोला, फूल माला, कलावा, मिठाई, दूब घास और केला रखें।

भाई दूज मंत्र: भाई दूज के दिन टीका करते समय बहन को भाई के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें, फूले-फलें।।

इस तरह करें पूजा: बहनें सुबह जल्दी उठकर स्नान कर भगवान विष्णु और गणेश जी की अराधना करें। इस दिन भाई के हाथों में सिंदूर और चावल का लेप लगाया जाता है। उसके बाद भाई के हाथों में पान के पांच पत्ते, सुपारी और चांदी का सिक्का रखा जाता है। फिर भाई के हाथ पर कलावा बांधा जाता है। बहन कलावा बांधते हुए भाई की दीर्घायु और खुशहाल जीवन की कामना के लिए मंत्र पढ़ती है। कहीं कहीं बहनें भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं। फिर इसके बाद कलावा बांधती हैं। मिठाई या माखन मिश्री से भाई का मुंह मीठा किया जाता है। कई जगह इस दिन शादीशुदा बहन के घर भाई जाकर भोजन करते हैं और उन्हें उपहार देते हैं।